Unified Pension Scheme (UPS) की घोषणा के बाद से इस पर आलोचकों और विश्लेषकों द्वारा वित्तीय संतुलन पर दबाव के बारे में चिंता जताई जा रही है। UPS, पुराने पेंशन योजना (OPS) और नए पेंशन योजना (NPS) दोनों के बेहतरीन तत्वों को एक साथ जोड़ता है, जिससे यह सरकारी कर्मचारियों के लिए एक संतुलित योजना बन जाता है।
Unified Pension Scheme की विशेषताएँ
- कर्मचारी योगदान: UPS के तहत कर्मचारी का योगदान 10% होगा, जबकि सरकार का योगदान 18.5% होगा। यह NPS के तहत 14% था। इस प्रकार सरकार का अतिरिक्त योगदान केवल 4.5% होगा, जो सरकार के लिए अपेक्षाकृत छोटा खर्च है।
- फायदा: UPS में कर्मचारी को अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा, साथ ही कर्मचारी की मृत्यु के बाद उनके जीवनसाथी को एक निश्चित राशि मिलेगी। इस योजना के तहत कर्मचारी को केवल तभी पेंशन मिलेगी जब वह एक निश्चित अवधि तक सेवा में रहे।
- खर्च: FY25 के लिए सरकार की लागत ₹7050 करोड़ होगी, जो कुल बजट का केवल 0.15% है। बजट का आकार ₹48.20 लाख करोड़ होने के कारण यह खर्च न्यूनतम होगा और वित्तीय संतुलन पर इसका कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ेगा।
आलोचनाओं का उत्तर
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि UPS के तहत भविष्य में आने वाले खर्च बजट के साथ आसानी से संभाले जा सकते हैं। सरकार की ओर से योगदान की गई राशि का निवेश सरकारी प्रतिभूतियों (GSecs) और इक्विटी में किया जाएगा, जिससे आवश्यक रिटर्न प्राप्त होगा। GSecs का रिटर्न लगभग 6.5-7% और इक्विटी का रिटर्न 12% तक हो सकता है, जिससे पेंशन भुगतान सुनिश्चित रहेगा।
- पेंशन के लिए निधि: पेंशन के लिए योगदान की गई राशि को सरकार के पास एकत्र किया जाएगा और इसे विभिन्न निवेश साधनों में लगाया जाएगा। यह योजना न केवल सरकार पर दबाव कम करेगी बल्कि पेंशनरों के लिए भी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
- करदाता के लिए लाभ: सरकार का अनुमान है कि बढ़ते बजट और राजस्व से इस योजना के तहत आने वाले खर्च को आसानी से संभाला जा सकेगा। अगले 20 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था के 8% की दर से बढ़ने की संभावना है, जिससे कर राजस्व में 10-12% की वार्षिक वृद्धि हो सकती है।
NPS और OPS का मिलाजुला असर
UPS को OPS और NPS के बीच एक आदर्श संयोजन माना जा सकता है। इसमें OPS जैसी सुनिश्चित पेंशन और NPS की योगदान आधारित योजना दोनों का लाभ मिलता है। NPS के तहत कर्मचारी और सरकार दोनों योगदान करते हैं, लेकिन कोई निश्चित रिटर्न नहीं होता। वहीं, OPS के तहत कोई कर्मचारी योगदान नहीं था, लेकिन एक निश्चित पेंशन थी। UPS इन दोनों के बीच संतुलन बनाता है।
सरकारी कर्मचारियों के लिए महत्व
UPS केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है, क्योंकि यह उन्हें उनके पुराने सहयोगियों के समान पेंशन सुनिश्चित करती है। इस योजना के तहत कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा प्राप्त होगी, जिससे वे बिना किसी चिंता के अपनी सेवाएं दे सकेंगे। UPS के लागू होने से राज्य सरकार के कर्मचारियों और अन्य सरकारी संस्थानों में भी यह योजना लागू की जा सकती है।
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
UPS के तहत पेंशन की सुनिश्चितता से सरकारी कर्मचारियों का खर्च बढ़ेगा, जिससे अर्थव्यवस्था में खपत भी बढ़ेगी। यह सुनिश्चित करेगा कि रिटायरमेंट के बाद भी कर्मचारियों की आय बनी रहे और वे देश की आर्थिक वृद्धि में योगदान कर सकें। यह योजना न केवल कर्मचारियों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए फायदेमंद साबित होगी, क्योंकि इससे मांग में वृद्धि होगी और आर्थिक विकास को समर्थन मिलेगा।