UGC News in Hindi: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने उच्च शिक्षा संस्थानों में जातिगत भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न को रोकने के लिए एक मसौदा तैयार किया है। यह कदम देशभर के विश्वविद्यालयों में जातिगत भेदभाव और आत्महत्या जैसी घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है।
मुख्य बातें:
- SC ने UGC को सुझाव देने की अनुमति दी।
- जातिगत भेदभाव रोकने के लिए सख्त नियम लागू होंगे।
- 80% शिक्षण संस्थानों में कोई जवाब नहीं मिला, 40% फैकल्टी और 80% कॉलेज रिपोर्ट नहीं कर रहे हैं।
- सुनवाई मई 2025 में होगी।
क्या कहता है UGC का नया प्रस्ताव?
- सभी शिक्षण संस्थानों को जातिगत भेदभाव की घटनाओं की रिपोर्ट अनिवार्य रूप से देनी होगी।
- छात्रों की सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।
- कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एंटी-डिस्क्रिमिनेशन सेल बनाए जाएंगे।
- अत्यधिक तनाव और मानसिक उत्पीड़न के मामलों को रोकने के लिए काउंसलिंग सेवाएं दी जाएंगी।
तमिलनाडु में फर्जी जाति प्रमाणपत्र पर विवाद
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में तमिलनाडु में फर्जी जाति प्रमाणपत्र के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर 6 हफ्तों में रिपोर्ट देने को कहा है।
- जाति प्रमाणपत्र की जांच के लिए सख्त नियम बनाए जाएंगे।
- SC ने राज्य सरकार को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
- शैक्षणिक संस्थानों में गलत प्रमाणपत्र से एडमिशन लेने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
अगर आप कॉलेजों में जातिगत भेदभाव के खिलाफ हैं या इससे प्रभावित हुए हैं, तो UGC जल्द ही सख्त कदम उठाने जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है और सरकार को 6 हफ्तों में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
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