Delhivery News Today: लॉजिस्टिक्स सर्विस प्रोवाइडर डेल्हिवरी ने घोषणा की है कि उसने इकॉम एक्सप्रेस लिमिटेड में बहुमत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए एक बड़ी डील को मंजूरी दे दी है। कंपनी ने शनिवार को अपने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में इस अधिग्रहण को हरी झंडी दी। डेल्हिवरी ने इकॉम एक्सप्रेस की 99.4% हिस्सेदारी 1,407 करोड़ रुपये में नकद भुगतान के जरिए खरीदने का फैसला किया है। यह हिस्सेदारी इकॉम एक्सप्रेस की 427.33 करोड़ रुपये की चुकता पूंजी पर आधारित है, जो पूरी तरह से डायल्यूटेड आधार पर है।
इकॉम एक्सप्रेस एक लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशन प्रोवाइडर कंपनी है, जो मुख्य रूप से ई-कॉमर्स डिलीवरी और लॉजिस्टिक्स सेवाओं में काम करती है। इसकी कुल स्वीकृत शेयर पूंजी 2,400 करोड़ रुपये है। डेल्हिवरी ने अपने रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि इस अधिग्रहण का मुख्य उद्देश्य कंपनी के स्केल को बढ़ाना है। डेल्हिवरी का कहना है कि लॉजिस्टिक्स एक ऐसा बिजनेस है, जहां स्केल बढ़ने से लागत कम होती है और सर्विस की क्वालिटी बेहतर होती है। इस डील से डेल्हिवरी को अपने नेटवर्क को और मजबूत करने में मदद मिलेगी, जिससे वह अपने ग्राहकों को ज्यादा प्रतिस्पर्धी कीमतों पर बेहतर सेवाएं दे सकेगी।
डेल्हिवरी के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ साहिल बरुआ (Sahil Barua) ने कहा, “यह अधिग्रहण डेल्हिवरी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे हमारा स्केल बढ़ेगा, जिससे हम अपने नेटवर्क को और विस्तार दे सकेंगे। हम टेक्नोलॉजी में निवेश बढ़ाएंगे, रिसर्च और डेवलपमेंट पर ज्यादा ध्यान देंगे, और अपने ग्राहकों को बेहतर सर्विस दे पाएंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि इस डील से न केवल डेल्हिवरी को फायदा होगा, बल्कि पूरे लॉजिस्टिक्स सेक्टर को भी मजबूती मिलेगी।
इस अधिग्रहण से भारत में वेंडर इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। डेल्हिवरी ने अपनी फाइलिंग में बताया कि इस डील से फ्लीट और ऑटोमेशन सॉल्यूशन देने वाले वेंडर्स को निवेश करने का भरोसा मिलेगा। वे अपनी टेक्नोलॉजी और रिसर्च में ज्यादा पैसा लगा सकेंगे, जिससे भारत की लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री को लंबे समय में फायदा होगा। उदाहरण के लिए, ट्रांसपोर्ट से जुड़े वेंडर्स नए वाहनों में निवेश कर सकते हैं, और ऑटोमेशन कंपनियां नई तकनीकों पर काम कर सकती हैं। इससे लॉजिस्टिक्स सेक्टर में सर्विस की क्वालिटी बढ़ेगी और लागत कम होगी।
हालांकि, इस डील को पूरा होने में अभी कुछ समय लगेगा। डेल्हिवरी ने बताया कि यह अधिग्रहण कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) की मंजूरी पर निर्भर है। इसके अलावा, कुछ अन्य सामान्य शर्तों को भी पूरा करना होगा। कंपनी का अनुमान है कि यह डील अगले छह महीनों में पूरी हो जाएगी। डेल्हिवरी ने यह भी कहा कि वह इस अधिग्रहण को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और सभी जरूरी कदम उठाएगी ताकि यह प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी हो सके।
इस घोषणा से पहले डेल्हिवरी के शेयरों में गिरावट देखी गई। शुक्रवार, 4 अप्रैल को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर डेल्हिवरी के शेयर 1.80% की गिरावट के साथ 258.80 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए। बाजार के जानकारों का कहना है कि यह गिरावट सामान्य मार्केट ट्रेंड का हिस्सा हो सकती है, लेकिन इस अधिग्रहण की खबर के बाद निवेशकों की नजर डेल्हिवरी के प्रदर्शन पर होगी।
इकॉम एक्सप्रेस के संस्थापक के. सत्यनारायण (K. Satyanarayana) ने इस डील पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “डेल्हिवरी के साथ यह साझेदारी इकॉम एक्सप्रेस के लिए एक नया अध्याय शुरू करेगी। डेल्हिवरी की ताकत और अनुभव से हमें अपने ग्राहकों को बेहतर सर्विस देने में मदद मिलेगी।” इकॉम एक्सप्रेस की सह-संस्थापक मंजू धवन (Manju Dhawan) ने भी इस डील का स्वागत किया और कहा कि यह दोनों कंपनियों के लिए फायदेमंद साबित होगी।
इकॉम एक्सप्रेस की स्थापना 2012 में के. सत्यनारायण, मंजू धवन, टी.ए. कृष्णन (T.A. Krishnan) और संजीव सक्सेना (Sanjeev Saxena) ने मिलकर की थी। हालांकि, टी.ए. कृष्णन और संजीव सक्सेना का निधन हो चुका है। कंपनी ने पिछले कुछ सालों में भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर में अपनी मजबूत मौजूदगी बनाई है, खासकर ई-कॉमर्स डिलीवरी के क्षेत्र में। डेल्हिवरी के साथ इस डील से इकॉम एक्सप्रेस को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।
डेल्हिवरी भारत की सबसे बड़ी लॉजिस्टिक्स कंपनियों में से एक है, जो ई-कॉमर्स, डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C), और अन्य सेक्टर्स में डिलीवरी सर्विस देती है। इस अधिग्रहण के बाद डेल्हिवरी का मार्केट शेयर और बढ़ेगा, जिससे वह भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर में अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकेगी।