चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election)में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 19 मतों से जीत दर्ज की, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP)-कांग्रेस गठबंधन को 17 वोट मिले। BJP की उम्मीदवार हरप्रीत कौर बबला ने AAP की प्रीम लता को हराकर यह जीत हासिल की। यह चुनाव भाजपा और AAP-कांग्रेस गठबंधन के बीच एक बड़ा राजनीतिक मुकाबला माना जा रहा था।
चंडीगढ़ नगर निगम (Municipal Corporation) के सभा कक्ष में सुबह 11:20 बजे मतदान प्रक्रिया शुरू हुई और 12:19 बजे समाप्त हो गई। चुनाव में कुल 35 सदस्य, जिनमें चुने हुए पार्षद और चंडीगढ़ के सांसद शामिल हैं, ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। सांसद को पदेन सदस्य (ex-officio) के रूप में वोटिंग का अधिकार मिला था।
चुनाव से पहले नगर निगम में सीटों का वितरण इस प्रकार था: AAP के पास 13 पार्षद, कांग्रेस के पास 6, और BJP के पास 16 पार्षद थे। इसके अलावा, एक वोट कांग्रेस के सांसद का था। हालांकि, चुनाव से कुछ दिन पहले कांग्रेस की पार्षद गुरबक्स रावत ने BJP का दामन थाम लिया, जिससे पार्टी की ताकत बढ़कर 17 हो गई।
चुनाव प्रक्रिया गुप्त मतदान (Secret Ballot) के माध्यम से संपन्न हुई। नामित पार्षद रमणीक सिंह बेदी को चुनाव का प्रिसाइडिंग ऑफिसर नियुक्त किया गया था। वहीं, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश जयश्री ठाकुर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वतंत्र पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि चुनाव प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाए।
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