यमुना सफाई मिशन 2025 भारत का सबसे बड़ा शहरी पानी और पर्यावरण सुधार मिशन है, जिसमें सरकार और निजी कंपनियों की भागीदारी है। परियोजना का मुख्य उद्देश्य है गंदे नालों और घरों का सीवर बिना ट्रीटमेंट के यमुना में न जाए।
इसके लिए 40 से ज़्यादा छोटे-छोटे Sewage Treatment Plants (STP) लगाए जा रहे हैं और पुराने प्लांटों का नवीनीकरण हो रहा है। नजफगढ़ नाला, शाहदरा, बरापुल्ला जैसी बड़ी नदियों की भी साफ-सफाई के लिए बायोरैमिडिएशन तकनीक लागू की जा रही है जिससे जैविक तरीके से नाले में जमा गंदगी को प्राकृतिक रूप से साफ किया जाए। इसके अलावा, करीब 2.5 लाख परिवारों को सीवर से कनेक्ट करने का काम चल रहा है, जिससे अनधिकृत कॉलोनियों में भी पाइपलाइन पहुंचे और सीधा सीवर बायपास न हो सके।
इस सफाई अभियान में कई बड़ी कंपनियां अहम रोल निभा रही हैं। जैसे Welspun Enterprises और Larsen & Toubro (L&T) को दिल्ली जल बोर्ड, नगर निगम और पीडब्ल्यूडी से कई प्रोजेक्ट्स मिले हैं – जैसे कि पाइपलाइन बिछाना, STP कंस्ट्रक्शन और स्मार्ट मॉनिटरिंग सिस्टम लगाना। NTPC देश की सबसे बड़ी ग्रीन एनर्जी कंपनियों में है, जो जल प्रबंधन, पॉवर सप्लाई और सोलर प्रोजेक्ट्स में एक्टिव है।
Tata Power, Suzlon & Adani Green जैसी कंपनियां, फ्लोटिंग सोलर और डिजिटल मशीनरी सप्लाई में भूमिका निभा रही हैं – हालांकि, ये सीधे यमुना सफाई में लीड रोल में कम हैं, बल्कि टिकाऊ ऊर्जा और मशीनरी सहयोग देती हैं। IIT Delhi और TERI जैसी संस्था सरकारी प्रोजेक्ट्स में टेस्टिंग और इनोवेशन पायलट कर रही हैं।
स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले जानना जरूरी है कि इन कंपनियों में से Welspun Enterprises, NTPC और Tata Power वाकई दिल्ली जल बोर्ड/सरकारी जल प्रबंधन प्रोजेक्ट में EPC (Engineering, Procurement, Construction) भाग ले रही हैं।
Welspun Enterprises का शेयर हाल के महीनों में ग्रीन प्रोजेक्ट्स के चलते अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और NTPC ग्रीन एनर्जी व वॉटर ट्रीटमेंट के बड़े मिशन में भारत सरकार की पहली पसंद है – ये निवेश के लिए स्ट्रॉन्ग मानी जाती हैं। Adani Green और Suzlon जैसे स्टॉक्स में जोखिम अधिक है लेकिन लॉन्ग टर्म में ग्रीन एनर्जी सेक्टर के चलते ग्रोथ भी दिखा सकते हैं। Yamuna Syndicate नाम से मिलता है, लेकिन उसका यमुना सफाई से सीधा वास्ता कम है।
आखिर में, निवेश का निर्णय करने से पहले कंपनी के प्रोजेक्ट्स, टेंडर जीतने की स्थिति और उसके ऑर्डर बुक को देखना जरूरी है। दिल्ली में यमुना सफाई अभियान में सरकारी एजेंसियों की प्रमुख भूमिका है—प्राइवेट कंपनियों को काम EPC और मशीनरी सप्लाई जैसे रोल में मिलता है, इसलिए वहां लगी कंपनियां ही निवेश के लिए बेहतर फोकस हो सकती हैं। हमेशा किसी भी स्टॉक में इन्वेस्ट करने से पहले ताजा अपडेट, मार्केट एनालिसिस और अपने फाइनेंस एक्सपर्ट की सलाह लेना जरूरी है।
इस तरह, यमुना सफाई मिशन दिल्ली के शहरी इंफ्रास्टक्चर को बदलने के साथ-साथ, ग्रीन एनर्जी और वॉटर मैनेजमेंट कंपनियों का भी शानदार अवसर बन रहा है, लेकिन फोकस उन्हीं पर रखें जिनका इन प्रोजेक्ट्स में वास्तविक योगदान है।