Tata Capital IPO की मेगा तैयारी | टाटा कैपिटल का 15,000 करोड़ आईपीओ

IPO News: टाटा कैपिटल, जो एक फाइनेंशियल सर्विस कंपनी है, ने शेयर बाजार में लिस्ट होने के लिए सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) के पास गोपनीय कागजात जमा किए हैं। कंपनी 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का आईपीओ (पहली बार शेयर बेचने की योजना) ला रही है। इसमें नए शेयर भी बेचे जाएंगे और टाटा सन्स, जो टाटा कैपिटल में 93% हिस्सेदार है, अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचेगा।

टाटा कैपिटल को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपर-लेयर एनबीएफसी (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) का दर्जा दिया है। आरबीआई के नियमों के मुताबिक, टाटा सन्स और टाटा कैपिटल को सितंबर 2025 तक अपने शेयर बाजार में लिस्ट करना होगा। टाटा कैपिटल ने पहले ही अपने बोर्ड से इस आईपीओ को मंजूरी ले ली है। स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी के मुताबिक, इस आईपीओ में 2.3 करोड़ नए शेयर बेचे जा सकते हैं और कुछ पुराने शेयरधारक भी अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे।

अगर यह आईपीओ सफल होता है, तो यह भारत के फाइनेंशियल सेक्टर में सबसे बड़े आईपीओ में से एक होगा। टाटा ग्रुप का यह हाल के सालों में दूसरा बड़ा शेयर बाजार डेब्यू होगा। इससे पहले नवंबर 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज शेयर बाजार में लिस्ट हुई थी।

टाटा कैपिटल की कमाई और ग्रोथ

वित्त वर्ष 2024 में टाटा कैपिटल ने 18,178 करोड़ रुपये की कमाई की, जो पिछले साल (वित्त वर्ष 2023) से 34% ज्यादा है। कंपनी का लोन बुक (जो लोगों को दिए गए कर्ज का हिसाब है) 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया, जिसमें 40% की बढ़ोतरी हुई। मुनाफा भी अब तक का सबसे ज्यादा 3,150 करोड़ रुपये रहा। इस साल की पहली छमाही में भी कंपनी का मुनाफा 21% बढ़कर 1,825 करोड़ रुपये हो गया।

टाटा कैपिटल क्या करती है?

टाटा कैपिटल टाटा ग्रुप की एक बड़ी फाइनेंशियल कंपनी है और टाटा सन्स की सहायक कंपनी है। यह एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) है, जो कई तरह की फाइनेंशियल सर्विस देती है। कंपनी के बिजनेस में शामिल हैं:

  • कमर्शियल फाइनेंस (बिजनेस के लिए लोन)
  • कंज्यूमर लोन (लोगों को पर्सनल लोन)
  • वेल्थ सर्विसेज (पैसों की सलाह और मैनेजमेंट)
  • टाटा कार्ड्स की मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन

क्या हो रहा है और?

टाटा कैपिटल ने अपनी पूंजी बढ़ाने के लिए 1,504 करोड़ रुपये का राइट्स इश्यू भी मंजूर किया है, जिसमें टाटा सन्स सारी हिस्सेदारी खरीदेगा। इसके अलावा, टाटा कैपिटल और टाटा मोटर्स फाइनेंस (टीएमएफएल) का विलय भी हो रहा है। इस विलय के बाद टाटा मोटर्स को टाटा कैपिटल में 4.7% हिस्सेदारी मिलेगी। यह विलय नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मंजूरी पर निर्भर है और इस साल के अंत तक पूरा हो सकता है।

क्या चुनौतियां हैं?

कुछ लोग कहते हैं कि गोपनीय फाइलिंग के बावजूद टाटा कैपिटल को शेयर बाजार की उतार-चढ़ाव और सेबी के नियमों की वजह से मुश्किल हो सकती है। सेबी की गोपनीय फाइलिंग से कंपनी को अपने डेटा को छुपाने में मदद मिलती है, लेकिन अगर बाजार की स्थिति ठीक नहीं हुई, तो कंपनी को अपनी योजना बदलनी पड़ सकती है। पहले भी टाटा प्ले और ओयो जैसी कंपनियों ने इस रास्ते को चुना, लेकिन बाद में अपने आईपीओ को रोक दिया था।

Disclaimer : यह लेख केवल सूचना और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। इसमें प्रदान की गई जानकारी निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं ली जानी चाहिए। किसी भी प्रकार के निवेश निर्णय लेने से पहले, कृपया अपने वित्तीय सलाहकार या विशेषज्ञ से परामर्श करें। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है, और किसी भी प्रकार के नुकसान के लिए लेखक या प्रकाशक जिम्मेदार नहीं होंगे। इस लेख में दी गई जानकारी में बदलाव संभव है, इसलिए निवेश से पहले सभी पहलुओं पर ध्यान दें और पूरी जांच करें। यह वेबसाइट निवेश की सिफारिशें नहीं देती। निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें। बाजार में जोखिम संभव है।

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Mukesh Joshi
Mukesh Joshi

मैं मुकेश जोशी हूँ, एक सच्चा छात्र जो हर दिन नया सीखता हूँ। मैंने MBA फाइनेंस किया है और एक फाइनेंशियल व अकाउंटिंग एक्सपर्ट हूँ। मुझे बिजनेस और टेक्नोलॉजी की ताज़ा जानकारी अपने पाठकों तक पहुँचाने का जुनून है। मेरे लेखों में आपको विश्वसनीय और रोचक जानकारी मिलेगी। मेरे साथ इस ज्ञान के सफर में जुड़ें!

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