क्या आपकी EMI होगी कम? RBI कर सकता है ब्याज दरों में कटौती

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस हफ्ते एक महत्वपूर्ण घोषणा कर सकता है, जिससे आम लोगों और निवेशकों को राहत मिलने की उम्मीद है। शुक्रवार, 7 फरवरी को केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट (bps) की कटौती का निर्णय ले सकती है। इस कदम से होम लोन, कार लोन और अन्य कर्ज सस्ते हो सकते हैं।

विशेषज्ञों के मुताबिक, दो वर्षों से स्थिर बनी रेपो रेट में अब बदलाव होने की संभावना है। फरवरी 2023 से रेपो रेट 6.5% पर कायम है। आखिरी बार मई 2020 में कोविड महामारी के दौरान आरबीआई ने ब्याज दर घटाई थी।

बाजार की स्थिति और महंगाई पर नजर

विशेषज्ञों का कहना है कि खुदरा महंगाई दर आरबीआई की निर्धारित 6% सीमा के भीतर बनी हुई है। इससे केंद्रीय बैंक के पास ब्याज दरों में कटौती करने का मौका है। वहीं, केंद्रीय बजट 2025 में सरकार ने उपभोक्ता मांग बढ़ाने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, जिनका समर्थन करने के लिए ब्याज दरों में कमी की जा सकती है।

हालांकि, भारतीय रुपये में लगातार गिरावट एक चुनौती बनी हुई है। सोमवार को रुपया 87.17 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया, जो मुद्रास्फीति को बढ़ा सकता है और ब्याज दर कटौती को प्रभावित कर सकता है।

नए गवर्नर और मौद्रिक नीति समिति की बैठक

हाल में नियुक्त आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा अपनी पहली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक का नेतृत्व करेंगे। यह बैठक बुधवार से शुरू होगी और शुक्रवार को निर्णय सार्वजनिक किया जाएगा।

बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रमुख अर्थशास्त्री मदन सबनवीस का कहना है कि बाजार में पहले से 1.5 लाख करोड़ रुपये की नकदी बढ़ाने के उपाय किए जा चुके हैं, जिससे स्थितियां अनुकूल हुई हैं। इसके अलावा, केंद्रीय बजट में घोषित प्रोत्साहन योजनाओं को समर्थन देने के लिए भी ब्याज दरों में कमी की संभावना है।

दर कटौती कब तक टल सकती है?

ICRA की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर का कहना है कि दिसंबर 2025 की बैठक के बाद महंगाई और विकास दर में सुधार हुआ है। ऐसे में ब्याज दर में कटौती की संभावना प्रबल है। हालांकि, अगर वैश्विक परिस्थितियों के कारण रुपया और कमजोर होता है, तो यह निर्णय अप्रैल 2025 तक टल सकता है।

केंद्रीय बजट से उपभोक्ता मांग को मिलेगी मजबूती

शनिवार को संसद में पेश केंद्रीय बजट 2025 में मध्यम वर्ग के लिए आयकर में कई छूटों की घोषणा की गई है। इसका मकसद उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देना है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन योजनाओं से लोगों के पास अतिरिक्त आय होगी, जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी और कर्ज लेने की प्रवृत्ति भी बढ़ सकती है।

Disclaimer : यह लेख केवल सूचना और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। इसमें प्रदान की गई जानकारी निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं ली जानी चाहिए। किसी भी प्रकार के निवेश निर्णय लेने से पहले, कृपया अपने वित्तीय सलाहकार या विशेषज्ञ से परामर्श करें। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है, और किसी भी प्रकार के नुकसान के लिए लेखक या प्रकाशक जिम्मेदार नहीं होंगे। इस लेख में दी गई जानकारी में बदलाव संभव है, इसलिए निवेश से पहले सभी पहलुओं पर ध्यान दें और पूरी जांच करें। यह वेबसाइट निवेश की सिफारिशें नहीं देती। निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें। बाजार में जोखिम संभव है।

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Mukesh Joshi
Mukesh Joshi

मैं मुकेश जोशी हूँ, एक सच्चा छात्र जो हर दिन नया सीखता हूँ। मैंने MBA फाइनेंस किया है और एक फाइनेंशियल व अकाउंटिंग एक्सपर्ट हूँ। मुझे बिजनेस और टेक्नोलॉजी की ताज़ा जानकारी अपने पाठकों तक पहुँचाने का जुनून है। मेरे लेखों में आपको विश्वसनीय और रोचक जानकारी मिलेगी। मेरे साथ इस ज्ञान के सफर में जुड़ें!

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