OYO IPO News: भारत की बजट होटल कंपनी ओयो ने अपने शेयर बाजार में लिस्ट होने (आईपीओ) की तीसरी कोशिश को टाल दिया है। इस बार इसका कारण है सॉफ्टबैंक, जो ओयो का सबसे बड़ा निवेशक है, और बाजार की अस्थिरता।
सॉफ्टबैंक का कहना है कि ओयो को अभी आईपीओ लाने के बजाय अपनी वित्तीय स्थिति को और मजबूत करना चाहिए। यह बात कुछ लोगों ने बताई, जो इस मामले की गोपनीयता के कारण अपना नाम नहीं बताना चाहते थे।
क्या हुआ है?
ओयो 2021 से शेयर बाजार में लिस्ट होने की कोशिश कर रही है, लेकिन हर बार उसे रुकना पड़ा। इस बार सॉफ्टबैंक ने ओयो को सलाह दी कि वह तब तक इंतजार करे जब तक कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन बेहतर न हो जाए। इसके अलावा, इस साल बाजार में उतार-चढ़ाव भी ज्यादा है। खासकर, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ (आयात कर) नीतियों के कारण निवेशक जोखिम लेने से हिचक रहे हैं।
सॉफ्टबैंक का रोल
सॉफ्टबैंक का विजन फंड ओयो में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी रखता है, जो कंपनी के संस्थापक रितेश अग्रवाल से भी ज्यादा है। रितेश के पास 30% से ज्यादा शेयर हैं। सॉफ्टबैंक का समर्थन ओयो के लिए बहुत जरूरी है। अगर सॉफ्टबैंक इस आईपीओ को हरी झंडी नहीं देता या यह गारंटी नहीं देता कि वह आईपीओ के दौरान अपने शेयर नहीं बेचेगा, तो ओयो को बोर्ड की मंजूरी और नए निवेशकों का ध्यान खींचने में मुश्किल होगी।
आगे क्या?
अब ओयो मार्च 2025 में आईपीओ लाने की सोच रही है। अगर सब ठीक रहा, तो कंपनी की वैल्यूएशन (मूल्यांकन) 7 अरब डॉलर से ज्यादा हो सकती है। लेकिन इसके लिए बाजार की स्थिति और सॉफ्टबैंक का समर्थन बहुत जरूरी होगा।
संक्षेप में
ओयो तीसरी बार आईपीओ लाने में नाकाम रही, क्योंकि सॉफ्टबैंक ने समय को ठीक नहीं माना और बाजार की स्थिति भी अनुकूल नहीं है। अब कंपनी अगले साल की शुरुआत में फिर कोशिश कर सकती है।