नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल (Mock Drill in India): भारत-पाकिस्तान के बीच हाल के आतंकी हमले के बाद बढ़े तनाव के बीच, भारत 7 मई 2025 को देशव्यापी नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित करेगा। गृह मंत्रालय के निर्देश पर 244 जिलों में होने वाली इस ड्रिल का उद्देश्य युद्ध जैसी आपात स्थिति के लिए नागरिकों की तैयारियों का परीक्षण करना है, जिसमें ब्लैकआउट, हवाई हमले की सायरन, और निकासी अभ्यास शामिल होंगे।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद ड्रिल
पहलगाम में 26 भारतीय पर्यटकों की मौत के बाद पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ने पर सरकार ने 7 मई 2025 को मॉक ड्रिल की घोषणा की। गृह मंत्रालय ने 244 जिलों को ब्लैकआउट, सायरन, निकासी, और जन जागरूकता सत्रों के साथ यह अभ्यास करने का आदेश दिया।
सीमा तनाव के बीच मॉक ड्रिल
भारतीय अधिकारियों ने नागरिक तैयारियों का परीक्षण करने के लिए यह ड्रिल नियोजित की है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह तत्काल युद्ध का संकेत नहीं है, बल्कि नागरिक सुरक्षा नियम, 1968 के तहत एक प्रयास है। गृह मंत्रालय ने 2 मई को यह निर्देश जारी किया।
नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल क्या है?
यह एक तैयारियों का अभ्यास है, जो युद्ध, मिसाइल हमले, या हवाई हमले जैसी आपात स्थिति में नागरिकों और सरकारी तंत्र की प्रतिक्रिया का परीक्षण करता है। इसमें वास्तविक परिदृश्य बनाए जाते हैं – सायरन बजते हैं, शहरों में बत्तियाँ बंद होती हैं, लोग आश्रय लेने का अभ्यास करते हैं, और आपातकालीन टीमें वास्तविक समय में काम करती हैं। इसका उद्देश्य घबराहट कम करना, भ्रम से बचना, और जागरूकता बढ़ाकर जान बचाना है।
शीत युद्ध के तरीके
यह ड्रिल शीत युद्ध के समय के तरीकों पर आधारित है, जब देश हवाई हमलों और परमाणु खतरों के लिए ब्लैकआउट और निकासी अभ्यास करते थे। बढ़ते तनाव और सुरक्षा जोखिमों के कारण भारत में इन उपायों को फिर से शुरू किया गया है।
7 मई को ब्लैकआउट ड्रिल में क्या होगा?
- अस्थायी बिजली कटौती, मोबाइल सिग्नल बंद, या ट्रैफिक डायवर्जन हो सकता है।
- निकासी अभ्यास या सार्वजनिक घोषणाएँ हो सकती हैं।
- कुछ क्षेत्रों में पुलिस और अर्धसैनिक बल युद्ध जैसी स्थिति का अनुकरण करेंगे।
मॉक ड्रिल या ब्लैकआउट के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
- शांत रहें और स्थानीय निर्देशों का पालन करें।
- पानी, दवाएँ, और टॉर्च जैसी बुनियादी चीजें तैयार रखें।
- सोशल मीडिया पर अफवाहें या अपुष्ट खबरें न फैलाएँ।
- बिजली या इंटरनेट बंद होने पर घबराएँ नहीं।
- आधिकारिक अपडेट के लिए रेडियो या सरकारी चैनल सुनें।
7 मई की ड्रिल का मतलब
सरकार चाहती है कि लोग इसे एक तैयारियों के अभ्यास के रूप में लें। यह घबराहट का संकेत नहीं है। ड्रिल से सरकार और जनता अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर समझ सकेंगे। परिणामों का मूल्यांकन कर सुधार किए जाएँगे।
7 मई को ड्रिल में क्या होगा?
- आधिकारिक नागरिक सुरक्षा जिलों में राज्य और जिला अधिकारियों के साथ ड्रिल होगी।
- इसमें नागरिक सुरक्षा वार्डन, होम गार्ड, NCC, NSS, NYKS स्वयंसेवक, और स्कूल-कॉलेज के छात्र शामिल होंगे।
- बिजली कटौती, ब्लैकआउट, सायरन, और कुछ सार्वजनिक क्षेत्रों में प्रवेश प्रतिबंध हो सकता है।
- कुछ शहरों में ट्रैफिक डायवर्जन भी होगा।
मॉक ड्रिल की गतिविधियाँ
- हवाई हमले की सायरन: सार्वजनिक चेतावनी प्रणाली का परीक्षण।
- ब्लैकआउट: रात में हवाई हमलों से बचने के लिए शहरों में बत्तियाँ बंद। (1971 में भारत ने इसका व्यापक उपयोग किया था।)
- छलावरण अभ्यास: संचार टावर, बिजली संयंत्र, और सैन्य क्षेत्रों को हवाई निगरानी से छिपाने का परीक्षण।
- निकासी अभ्यास: जोखिम वाले क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों तक निकासी का अनुकरण।
- नागरिक प्रशिक्षण: स्कूल, कॉलेज, कार्यालय, और सामुदायिक केंद्रों में आश्रय, प्राथमिक चिकित्सा, और शांत रहने का प्रशिक्षण।
27 मई को ड्रिल कौन करेगा?
- जिला अधिकारी: समन्वय के लिए।
- होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा वार्डन: जमीनी कार्यों के लिए।
- NCC, NSS, NYKS स्वयंसेवक, और छात्र: जागरूकता और सहायता के लिए।
- ड्रिल के बाद सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को “एक्शन टेकेन रिपोर्ट” जमा करनी होगी।
पहले से शुरू ड्रिल
पंजाब के फिरोजपुर कैंट में रविवार शाम 30 मिनट का ब्लैकआउट ड्रिल हुआ। भारत-पाकिस्तान सीमा के पास होने के कारण यह क्षेत्र हाई अलर्ट पर है। यह ड्रिल 7 मई के अभ्यास का पूर्वावलोकन था।
नीतिगत आधार और दीर्घकालिक योजना
यह कदम केंद्र सरकार की नागरिक तैयारियों को बढ़ाने की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है। अक्टूबर 2022 में ‘चिंतन शिविर’ में नेताओं ने देशव्यापी तैयारियों पर जोर दिया। जनवरी 2023 में केंद्रीय गृह सचिव के पत्र में सीमा और तटीय क्षेत्रों में नागरिक सुरक्षा को मजबूत करने की बात कही गई।
7 मई की ड्रिल
यह राष्ट्रीय तैयारियों को बेहतर बनाने की नियोजित पहल है। हालांकि संदर्भ गंभीर है, मंशा सावधानीपूर्ण है। जनता का सहयोग और जागरूकता इस ड्रिल को प्रभावी बनाने की कुंजी है।