बैरिंग प्राइवेट इक्विटी द्वारा समर्थित बैटरी रीसाइक्लिंग कंपनी लोहुम ने 2027 की शुरुआत में सार्वजनिक होने की योजना बनाई है। इससे पहले, कंपनी अपने विस्तार योजना को निधि देने के लिए निजी इक्विटी के माध्यम से 200 मिलियन डॉलर जुटाएगी। कंपनी के सीईओ रजत वर्मा ने यह जानकारी दी।
वर्मा ने बताया कि लोहुम सीरीज सी राउंड में 100 मिलियन डॉलर और प्री-आईपीओ प्लेसमेंट में 100 मिलियन डॉलर जुटाने का लक्ष्य बना रही है। उन्होंने कहा कि औपचारिक धन जुटाने की प्रक्रिया अगले कुछ महीनों में शुरू हो जाएगी।
2018 में शुरू हुई लोहुम ने सिंगुलैरिटी ग्रोथ और बैरिंग प्राइवेट इक्विटी सहित अन्य निवेशकों की भागीदारी के साथ पिछले राउंड में लगभग 100 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। वर्मा, जिनके पास कंपनी का 40% से अधिक हिस्सा है, ने यह जानकारी दी।
लोहुम अगले दो वर्षों में अपनी क्षमता विस्तार का समर्थन करने के लिए 200-300 मिलियन डॉलर के पूंजीगत व्यय का लक्ष्य बना रही है। इसमें लिथियम उत्पादन क्षमता को तीन गुना, निकल क्षमता को चार गुना और एक ग्रीनफील्ड कैथोड सक्रिय सामग्री परियोजना स्थापित करना शामिल होगा। वर्मा ने बताया कि उनकी फर्म घरेलू और विदेशी दोनों ग्राहकों को सेवा प्रदान करती है।
लोहुम वर्तमान में लगभग 1,000 करोड़ रुपये के राजस्व रन रेट पर काम कर रही है, जिसे 2027 तक 4,000 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य है। वार्षिक राजस्व रन रेट नवीनतम मासिक राजस्व को 12 से गुणा करके निकाला जाता है। कंपनी 15% का परिचालन लाभ मार्जिन बनाए हुए है, उन्होंने कहा।
लोहुम वर्तमान में ग्रेटर नोएडा में एक रिफाइनिंग सुविधा संचालित करती है, जिसमें प्रति वर्ष 1,000 मीट्रिक टन बैटरी-ग्रेड लिथियम का उत्पादन करने की क्षमता है। यह गुजरात और दक्षिण भारत सहित देश के अन्य हिस्सों में अपनी सुविधाओं का विस्तार कर रही है। लोहुम संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका में लिथियम बैटरी रीसाइक्लिंग सुविधाएं भी स्थापित कर रही है।
लोहुम के विस्तार की मुख्य योजनाएं:
- IPO: 2027 की शुरुआत में पब्लिक होने का लक्ष्य।
- निजी इक्विटी फंडिंग: 200 मिलियन डॉलर जुटाने की योजना।
- क्षमता विस्तार: लिथियम और निकल उत्पादन क्षमताओं में महत्वपूर्ण वृद्धि।
- नई परियोजनाएं: ग्रीनफील्ड कैथोड सक्रिय सामग्री परियोजना स्थापित करना।
- वैश्विक विस्तार: यूएई और अमेरिका में लिथियम बैटरी रीसाइक्लिंग सुविधाएं स्थापित करना।
- राजस्व वृद्धि: 2027 तक 4,000 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य।