गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) ने करदाताओं को राहत दी है। जीएसटी में रजिस्टर्ड वे करदाता, जो अभी तक टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) के लिए रजिस्टर नहीं हुए हैं, उनके लिए अच्छी खबर है। जीएसटीएन ने अपने पोर्टल पर बताया कि अभी ई-वे बिल (e-Way Bill) बनाने के लिए 2FA वैकल्पिक है, लेकिन यह “जल्द ही” अनिवार्य हो जाएगा। जीएसटीएन ने करदाताओं को सलाह दी कि वे 2FA के लिए रजिस्टर करें, ताकि उनके कारोबार में कोई व्यवधान न आए। नीचे जानें कि क्या आप बिना 2FA के ई-वे बिल बना सकते हैं और नया नियम क्या कहता है।
जीएसटी ई-वे बिल (e-Way Bill) का नया नियम
जीएसटीएन ने 17 दिसंबर 2024 को एक परामर्श जारी किया, जिसमें कहा गया, “1 जनवरी 2025 से 20 करोड़ रुपये से अधिक वार्षिक टर्नओवर (AATO) वाले करदाताओं के लिए मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) अनिवार्य होगा। 1 फरवरी 2025 से यह 5 करोड़ रुपये से अधिक AATO वालों के लिए लागू होगा और 1 अप्रैल 2025 से सभी करदाताओं और यूजर्स के लिए जरूरी हो जाएगा।” ई-वे बिल इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि 50,000 रुपये से अधिक मूल्य का सामान (छूट को छोड़कर) बिना ई-वे बिल के मोटर वाहन से नहीं ले जाया जा सकता। ऐसा करने पर जीएसटी अधिकारी सामान और वाहन को जब्त कर सकते हैं। ट्रांसपोर्टर भी बिना वैध ई-वे बिल के सामान ले जाने से मना करते हैं। यह सीमा राज्य के अनुसार बदल सकती है।
क्या बिना 2FA के ई-वे बिल बनाया जा सकता है?
जीएसटीएन पोर्टल और परामर्श में लिखा है कि ई-वे बिल के लिए 2FA अनिवार्य है, लेकिन चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के अनुसार, अभी यह जरूरी नहीं है। 1 अप्रैल 2025 को शाम 5:34 बजे जीएसटीएन ने पोर्टल पर लिखा, “ई-वे बिल/ई-इनवॉइस में 2FA की सुविधा उपलब्ध है। आपने अभी तक 2FA के लिए रजिस्टर नहीं किया। कृपया रजिस्टर करें और अपनी क्रेडेंशियल्स सुरक्षित करें। जल्द ही 2FA अनिवार्य होगा।” इसका मतलब है कि अभी करदाता बिना 2FA के ई-वे बिल बना सकते हैं, लेकिन यह सुविधा जल्द खत्म होगी।
2FA की तकनीकी जानकारी
जीएसटीएन के अनुसार, ओटीपी ऑथेंटिकेशन व्यक्तिगत यूजर अकाउंट पर आधारित है। जीएसटीआईएन के सब-यूजर्स की ऑथेंटिकेशन उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर होगी। 2FA रजिस्टर करने के बाद यह ई-वे बिल और ई-इनवॉइस दोनों के लिए लागू होगा। चार्टर्ड अकाउंटेंट दीप कोराडिया कहते हैं, “जीएसटीएन का परामर्श कहता है कि 2FA अनिवार्य है, लेकिन अभी इसे पोर्टल पर लागू नहीं किया गया। करदाताओं को सब-यूजर्स बनाकर 2FA अपनाना चाहिए।” चार्टर्ड अकाउंटेंट हिमांक सिंगला कहते हैं, “प्रोफेशनल्स को क्लाइंट्स का मोबाइल नंबर जीएसटी पोर्टल पर अपडेट करना चाहिए, ताकि 2FA आसान हो।”
2FA क्यों जरूरी है?
चार्टर्ड अकाउंटेंट बिमल जैन कहते हैं, “अभी हम बिना 2FA के ई-वे बिल बना सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। यह सुविधा हमारी सुरक्षा के लिए है।” जैन बताते हैं, “2FA धोखाधड़ी से बचाने के लिए लाया गया है। बैंक खाते की तरह, जहां ओटीपी के बिना लेनदेन नहीं होता, वैसे ही 2FA जरूरी है। पहले कुछ मामलों में करदाता के जीएसटी अकाउंट का दुरुपयोग कर ई-वे बिल बनाए गए और सामान किसी और ने भेजा। डेटा ब्रीच से कारोबार को नुकसान हो सकता है। 2FA इस खतरे को कम करता है।”