TDS On Rent : किराए पर 5% टीडीएस कटौती गलती? रिफंड के लिए विस्तृत हिंदी प्रक्रिया

यदि आप हर महीने 50,000 रुपये से अधिक का किराया दे रहे हैं, तो आपको किराए की राशि पर टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (टीडीएस) काटना अनिवार्य है। 1 अक्टूबर 2024 से किराए पर टीडीएस की दर 5% से घटाकर 2% कर दी गई है। लेकिन इस बदलाव की जानकारी न होने के कारण कई किरायेदारों ने गलती से 2% के बजाय 5% टीडीएस काट लिया। इससे मकान मालिक को केवल 2% टीडीएस का क्रेडिट मिलता है, और बाकी 3% की अतिरिक्त कटौती का रिफंड किरायेदार को लेना पड़ सकता है। किरायेदार के पास दो विकल्प हैं: या तो आयकर विभाग से रिफंड मांगें या मकान मालिक से अतिरिक्त कटौती को समायोजित करने का अनुरोध करें।

आयकर विभाग की TRACES वेबसाइट पर एक ई-ट्यूटोरियल उपलब्ध है, जो अतिरिक्त टीडीएस कटौती के रिफंड की प्रक्रिया को विस्तार से समझाता है। यह गाइड 2007-08 वित्तीय वर्ष से लागू टीडीएस रिफंड प्रक्रिया को कवर करता है। आइए, इस प्रक्रिया को सरल और विस्तृत रूप में समझते हैं।

अतिरिक्त टीडीएस का रिफंड कैसे प्राप्त करें?

आयकर विभाग के ई-ट्यूटोरियल के अनुसार, केवल टीडीएस काटने वाला (डिडक्टर) ही रिफंड के लिए आवेदन कर सकता है। निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

चरण 1: TRACES वेबसाइट पर लॉगिन करें

  • TRACES (TDS Reconciliation Analysis and Correction Enabling System) वेबसाइट (www.tdscpc.gov.in) पर जाएं।
  • अपने यूजर आईडी और पासवर्ड के साथ लॉगिन करें।
  • लॉगिन करने के बाद, “Statement/Payment” टैब पर जाएं और “Request for Refund” विकल्प चुनें।
tds on house rent

चरण 2: रिफंड चेकलिस्ट

  • रिफंड अनुरोध शुरू करने से पहले, चेकलिस्ट स्क्रीन पर “Proceed” बटन पर क्लिक करें।
  • यह चेकलिस्ट सुनिश्चित करती है कि आप सभी जरूरी शर्तों को पूरा करते हैं।

चरण 3: सेक्शन कोड और कारण चुनें

  • रिफंड अनुरोध के लिए उपयुक्त सेक्शन कोड चुनें:
    • सेक्शन 195 के तहत चालान के लिए रिफंड अनुरोध।
    • सेक्शन 195 के अलावा अन्य चालान के लिए रिफंड अनुरोध।
  • रिफंड का कारण चुनें, जैसे कि गलत दर पर टीडीएस कटौती।
  • कारण चुनने के बाद, “Add Challan” बटन पर क्लिक करें।
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चरण 4: चालान विवरण दर्ज करें

  • चालान से संबंधित जानकारी भरें, जैसे चालान नंबर, तारीख, और राशि।
  • यदि चालान किसी अपील ऑर्डर या विवाद से विश्वास स्कीम से संबंधित है, तो अपील ऑर्डर नंबर या स्कीम नंबर दर्ज करें।
  • सुनिश्चित करें कि चालान में उपलब्ध राशि 100 रुपये से अधिक हो।

चरण 5: बैंक खाता विवरण

  • रिफंड राशि प्राप्त करने के लिए बैंक खाता विवरण दर्ज करें, जैसे खाता संख्या, IFSC कोड, और बैंक का नाम।
  • सुनिश्चित करें कि खाता डिडक्टर के PAN से जुड़ा हो।

चरण 6: सत्यापन पेज

  • सभी विवरणों की जांच करें और “Proceed” बटन पर क्लिक करें।
  • यह पेज आपके द्वारा दर्ज की गई जानकारी को सत्यापित करता है।

चरण 7: रिफंड अनुरोध सबमिट करें

  • “Submit Refund Request” बटन पर क्लिक करें।
  • यह अनुरोध को अंतिम रूप देता है।

चरण 8: डिजिटल हस्ताक्षर

  • रिफंड अनुरोध को प्रमाणित करने के लिए डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (DSC) चुनें।
  • डिजिटल हस्ताक्षर TRACES पर पहले से रजिस्टर होना चाहिए।

चरण 9: फॉर्म 26B जमा करें

  • रिफंड अनुरोध सबमिट करने के बाद, आपको फॉर्म 26B का एक पावती नंबर (Acknowledgement Number) मिलेगा।
  • इस फॉर्म को 14 दिनों के भीतर अपने क्षेत्र के आकलन अधिकारी (Assessing Officer) को जमा करें।
  • यदि रिफंड राशि 50 लाख रुपये से अधिक है, तो अनुरोध को ADC (Additional Commissioner) की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

चरण 10: रिफंड स्थिति ट्रैक करें

  • TRACES पर “Track Refund Request” विकल्प में जाएं।
  • “Option 1” या “Option 2” चुनकर अपने रिफंड अनुरोध की स्थिति और टिप्पणियां देखें।

रिफंड के लिए महत्वपूर्ण शर्तें

रिफंड अनुरोध स्वीकार होने के लिए निम्नलिखित शर्तों का पालन करना जरूरी है:

  1. डिजिटल हस्ताक्षर: अधिकृत व्यक्ति का डिजिटल हस्ताक्षर TRACES पर रजिस्टर होना चाहिए।
  2. PAN और TAN का मिलान: डिडक्टर का PAN, TAN मास्टर और TRACES प्रोफाइल में समान और गैर-रिक्त होना चाहिए।
  3. कोई बकाया मांग नहीं: डिडक्टर के TAN या PAN पर कोई बकाया टैक्स मांग (Outstanding Demand) नहीं होनी चाहिए।
  4. चालान की सीमा: एक रिफंड अनुरोध में अधिकतम 5 चालान शामिल हो सकते हैं। 5 से अधिक चालान के लिए नया अनुरोध बनाएं।
  5. रिफंड राशि: रिफंड राशि चालान में उपलब्ध शेष राशि (Unclaimed Balance) तक सीमित होगी।
  6. न्यूनतम राशि: चालान में 100 रुपये से अधिक की राशि होने पर ही रिफंड मांगा जा सकता है।
  7. स्टेटमेंट प्रोसेसिंग: चालान से संबंधित सभी स्टेटमेंट (जैसे फॉर्म 16C) प्रोसेस हो चुके होने चाहिए।

वैकल्पिक उपाय

यदि रिफंड लेना संभव न हो, तो निम्नलिखित विकल्प आजमाएं:

  1. अगले महीने में समायोजन: किरायेदार अतिरिक्त कटौती (3%) को अगले महीने के किराए में समायोजित कर सकता है, बशर्ते मकान मालिक सहमत हो। उदाहरण के लिए, यदि 5,000 रुपये का अतिरिक्त टीडीएस काटा गया, तो अगले महीने 5,000 रुपये कम किराया दिया जा सकता है।
  2. मकान मालिक से बातचीत: यदि मकान मालिक समायोजन के लिए तैयार नहीं है, तो किरायेदार को रिफंड के लिए आयकर विभाग से संपर्क करना होगा।
  3. अतिरिक्त दस्तावेज: कुछ मामलों में, रिफंड के लिए इंडेम्निटी बॉन्ड, बैंक स्टेटमेंट जैसे अतिरिक्त दस्तावेज मांगे जा सकते हैं।

वैकल्पिक उपाय

यदि रिफंड लेना संभव न हो, तो निम्नलिखित विकल्प आजमाएं:

  1. अगले महीने में समायोजन: किरायेदार अतिरिक्त कटौती (3%) को अगले महीने के किराए में समायोजित कर सकता है, बशर्ते मकान मालिक सहमत हो। उदाहरण के लिए, यदि 5,000 रुपये का अतिरिक्त टीडीएस काटा गया, तो अगले महीने 5,000 रुपये कम किराया दिया जा सकता है।
  2. मकान मालिक से बातचीत: यदि मकान मालिक समायोजन के लिए तैयार नहीं है, तो किरायेदार को रिफंड के लिए आयकर विभाग से संपर्क करना होगा।
  3. अतिरिक्त दस्तावेज: कुछ मामलों में, रिफंड के लिए इंडेम्निटी बॉन्ड, बैंक स्टेटमेंट जैसे अतिरिक्त दस्तावेज मांगे जा सकते हैं।

अतिरिक्त सुझाव

  • जागरूकता: टीडीएस दर में बदलाव की जानकारी रखें। किराए पर टीडीएस काटते समय सही दर (2%) का उपयोग करें।
  • फॉर्म 16C: किरायेदार को हर साल फॉर्म 16C जमा करना होता है, जिसमें टीडीएस विवरण होता है। इसे सही और समय पर जमा करें।
  • TRACES प्रोफाइल: सुनिश्चित करें कि आपका TRACES प्रोफाइल अपडेट है और PAN/TAN विवरण सही हैं।
  • दस्तावेज तैयार रखें: रिफंड प्रक्रिया के दौरान चालान, बैंक विवरण, और अन्य जरूरी दस्तावेज तैयार रखें।

निष्कर्ष

किराए पर टीडीएस की दर में बदलाव के कारण हुई गलत कटौती को ठीक करने के लिए आयकर विभाग की TRACES वेबसाइट पर उपलब्ध रिफंड प्रक्रिया का उपयोग करें। उपरोक्त चरणों का पालन करके और जरूरी शर्तों को पूरा करके आप अतिरिक्त टीडीएस का रिफंड प्राप्त कर सकते हैं। यदि समायोजन संभव हो, तो मकान मालिक के साथ बातचीत करें। तकनीकी समस्याओं के कारण मकान मालिकों को पूरा क्रेडिट न मिलने की स्थिति में, आयकर विभाग को इस गड़बड़ी को जल्द ठीक करना चाहिए।

अधिक जानकारी के लिए TRACES वेबसाइट या अपने नजदीकी आयकर कार्यालय से संपर्क करें।

Disclaimer : यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। कृपया संबंधित सरकारी विभाग या आधिकारिक पोर्टल से जानकारी की पुष्टि जरूर करें। योजनाओं की शर्तें समय-समय पर बदल सकती हैं।

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Mukesh Joshi
Mukesh Joshi

मैं मुकेश जोशी हूँ, एक सच्चा छात्र जो हर दिन नया सीखता हूँ। मैंने MBA फाइनेंस किया है और एक फाइनेंशियल व अकाउंटिंग एक्सपर्ट हूँ। मुझे बिजनेस और टेक्नोलॉजी की ताज़ा जानकारी अपने पाठकों तक पहुँचाने का जुनून है। मेरे लेखों में आपको विश्वसनीय और रोचक जानकारी मिलेगी। मेरे साथ इस ज्ञान के सफर में जुड़ें!

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