दिल्ली परिवहन विभाग ने जब्त गाड़ियों को छुड़ाने की टाइम लिमिट तय कर दी है। अगर वाहन मालिक 7 दिनों के भीतर गाड़ी नहीं छुड़ाते हैं, तो उन्हें अधिक चार्ज (टो-अवे शुल्क) देना होगा। वहीं, 1 महीने तक गाड़ी नहीं लेने पर उसे नीलामी में डाल दिया जाएगा। यह नियम दिल्ली में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने और पिट में जगह बनाने के उद्देश्य से लागू किए जा रहे हैं।
क्या हैं नए नियम?
नियम | विवरण |
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7 दिन के अंदर छुड़ाई नहीं तो | अतिरिक्त टो-अवे चार्ज देना होगा |
1 महीने तक नहीं ली तो | पब्लिक ऑक्शन (नीलामी) में डाली जाएगी |
वाहन मालिक को सूचना | नोटिस के जरिए दी जाएगी |
नीलामी से पहले अंतिम मौका | वाहन मालिक को 7 दिन की और मोहलत मिलेगी |
क्या होगा अगर गाड़ी नहीं छुड़ाई?
अगर वाहन मालिक 7 दिन के अंदर गाड़ी नहीं लेते हैं, तो अतिरिक्त शुल्क लगेगा। 15 दिन पूरे होने पर लाइसेंस प्लेट हटाकर उसे स्क्रैप में डालने की प्रक्रिया शुरू होगी। वहीं, 30 दिन पूरे होने पर गाड़ी को नीलाम कर दिया जाएगा।
परिवहन विभाग क्यों ला रहा ये बदलाव?
दिल्ली में जब्त गाड़ियों की संख्या बढ़ने से पिट (Parking Yard) में जगह की समस्या हो रही थी। इससे निपटने के लिए सरकार ने नए नियम लागू करने का फैसला लिया है।