भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर हवाई हमला किया। इस आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था।
जब भारत सो रहा था, भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया। सीएनएन की खबर के अनुसार, 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद यह पहली बार था जब भारत ने पाकिस्तान की सीमा के इतने अंदर तक हमला किया।
इस हमले का नाम ऑपरेशन सिंदूर था। यह हमला बुधवार को किया गया। हमले का निशाना आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के ठिकाने थे।
ये ठिकाने सीमा से कितनी दूर हैं?
- बहावलपुर (जेईएम का मुख्य ठिकाना): भारत-पाकिस्तान सीमा से 250-300 किमी दूर, पंजाब प्रांत में।
- मुरिदके (एलईटी का मुख्य ठिकाना): सीमा से 40-50 किमी दूर, पंजाब प्रांत में।
- सियालकोट: सीमा से 10-20 किमी दूर, पंजाब प्रांत में।
- चक अमरू: सीमा से 5-10 किमी दूर।
- मुजफ्फराबाद और बाघ (पीओके): नियंत्रण रेखा (एलओसी) से 40-60 किमी दूर।
- भिंबर (पीओके): एलओसी से 50-70 किमी दूर।
- गुलपुर (पीओके): एलओसी से 10-20 किमी दूर, जम्मू-कश्मीर के राजौरी-पुंछ में हमलों का केंद्र।
- कोटली (पीओके): एलओसी से 20-30 किमी दूर।
1971 के युद्ध में क्या हुआ?
1971 के युद्ध में भारतीय सेना पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा में 50-60 किमी तक घुसी। भारत ने सिंध, पंजाब और राजस्थान में हमले किए।
- सिंध: भारतीय सेना ने 40-50 किमी अंदर तक कब्जा किया, खोखरापार जैसे कस्बों पर नियंत्रण किया। उमरकोट की ओर बढ़े, लेकिन हैदराबाद जैसे बड़े शहरों तक नहीं गए।
- लाहौर और सियालकोट: हुसैनीवाला और फाजिल्का के कुछ हिस्सों पर कब्जा किया।
- रेगिस्तान क्षेत्र: इस्लामगढ़ पर कब्जा किया, रहीम यार खान की ओर बढ़े, लेकिन वहां नहीं पहुंचे।
ये हमले रणनीतिक थे, न कि स्थायी कब्जे के लिए। 1971 का युद्ध बांग्लादेश के निर्माण के साथ खत्म हुआ। पाकिस्तान को भारी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी, क्योंकि उसके 93,000 सैनिक युद्धबंदी बनाए गए।