प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार एक ऐतिहासिक योजना पर विचार कर रही है, जिसका नाम है “Universal Pension Scheme“। इस योजना का उद्देश्य देश के प्रत्येक नागरिक को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है, चाहे वह वेतनभोगी हो, स्वरोजगार में हो, गिग वर्कर हो या कोई अन्य। यह योजना सेवानिवृत्ति के बाद नागरिकों को गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम होगा।
Universal Pension Scheme का उद्देश्य और कार्यान्वयन:
रिपोर्टों के अनुसार, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) “यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” पर काम कर रहा है, जो अभी प्रारंभिक चरण में है। एक बार अंतिम रूपरेखा तैयार हो जाने के बाद, सरकार प्रमुख हितधारकों के साथ परामर्श करेगी ताकि “यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” को और बेहतर बनाया जा सके। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सभी मौजूदा पेंशन योजनाओं को “यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” के तहत एक छतरी के नीचे लाना है, जिससे असंगठित श्रमिकों, व्यापारियों और स्वरोजगार करने वाले व्यक्तियों के लिए भी यह अधिक आकर्षक और सुलभ हो सके।
वर्तमान में, असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोग, जैसे कि गिग वर्कर्स, घरेलू कर्मचारी और निर्माण श्रमिक, सरकार द्वारा चलाई जाने वाली बड़ी बचत योजनाओं तक पहुंच नहीं रखते हैं। “यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” इन लोगों को भी वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगी।
“यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” में सरकार का योगदान और योजना की प्रकृति:
इस नई “यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” के तहत, सरकार अपनी ओर से कोई योगदान नहीं करेगी। यह योजना पूरी तरह से स्वैच्छिक होगी। मौजूदा योजनाओं, जैसे कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO), में सरकार अपनी ओर से कुछ योगदान करती है, लेकिन “यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” में ऐसा नहीं होगा।
रिपोर्टों में यह भी सुझाव दिया गया है कि “यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” मौजूदा राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) को प्रतिस्थापित या अवशोषित नहीं करेगी, जो कि एक स्वैच्छिक पेंशन योजना है।
असंगठित क्षेत्रों के लिए सरकार की मौजूदा पेंशन योजनाएँ और “यूनिवर्सल पेंशन स्कीम”:
वर्तमान में, सरकार असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों के लिए कई पेंशन योजनाएँ चला रही है। इनमें अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) और अन्य शामिल हैं। “यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” इन योजनाओं के अतिरिक्त एक व्यापक विकल्प प्रदान करेगी।
“यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” का महत्व:
“यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” देश के लाखों नागरिकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगी, खासकर उन लोगों को जो असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं और जिनके पास सेवानिवृत्ति के बाद कोई नियमित आय का स्रोत नहीं होता है। “यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” लोगों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें गरिमापूर्ण जीवन जीने में मदद करेगी।
“यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” के संभावित लाभ:
- “यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” से सभी नागरिकों को वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।
- असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को “यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” से लाभ होगा।
- “यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” पेंशन योजनाओं का सरलीकरण करेगी।
- “यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” स्वैच्छिक योजना होने से नागरिकों को स्वतंत्रता देगी।
“यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” की चुनौतियाँ:
- “यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” में सरकार का कोई योगदान न होना।
- “यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” स्वैच्छिक होने से सभी नागरिकों तक पहुँच न होना।
- “यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” के बारे में जागरूकता की कमी।
निष्कर्ष:
“यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” एक महत्वपूर्ण पहल है जो देश के नागरिकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगी। सरकार को “यूनिवर्सल पेंशन स्कीम” को सफल बनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने और इसे अधिक आकर्षक बनाने की आवश्यकता है।