उत्तराखंड कैबिनेट ने नए भू-कानून में बदलाव को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य राज्य में बाहरी लोगों द्वारा अनियंत्रित भूमि खरीद को रोकना है। यह कानून उत्तराखंड की सांस्कृतिक और पर्यावरणीय विरासत को संरक्षित करने के लिए लागू किया गया है। अब यदि कोई बाहरी व्यक्ति उत्तराखंड में जमीन खरीदना चाहता है, तो उसे कड़े नियमों का पालन करना होगा।
क्या है नया भूमि कानून?
नए कानून के तहत, उधम सिंह नगर और हरिद्वार को छोड़कर उत्तराखंड के बाकी 11 जिलों में बाहरी लोगों के लिए खेती योग्य और बड़ी जमीन खरीदने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। अन्य राज्यों के नागरिक केवल 250 वर्ग मीटर तक भूमि खरीद सकते हैं, वह भी DM और राज्य सरकार की अनुमति के बाद।
मुख्य बिंदु:
- खेती योग्य जमीन की खरीद पर पूर्ण प्रतिबंध
- केवल 250 वर्ग मीटर तक ही खरीदने की अनुमति
- जिलाधिकारी (DM) और राज्य सरकार से अनुमति अनिवार्य
- एक व्यक्ति जीवन में सिर्फ एक बार ही यह अनुमति ले सकता है
उत्तराखंड के निवासियों पर भी लागू होंगे नियम
इस कानून के तहत, केवल बाहरी ही नहीं, बल्कि स्थानीय निवासी भी बड़ी जमीन खरीदने के लिए नियमों के दायरे में होंगे। यदि किसी व्यक्ति के पास पहले से कृषि भूमि है, तो वह सरकार की अनुमति के बिना नया कृषि भूखंड नहीं खरीद सकता।
आवास के लिए जमीन चाहिए? जानें नया नियम
यदि कोई बाहरी व्यक्ति उत्तराखंड में घर बनाना चाहता है, तो उसे केवल 500 वर्ग मीटर तक ही भूमि खरीदने की अनुमति होगी। यह भी DM और राज्य सरकार की मंजूरी के बाद ही संभव होगा।
जमीन खरीदने के लिए देना होगा शपथ पत्र (Affidavit)
नए कानून के तहत, उत्तराखंड में जमीन खरीदने के इच्छुक व्यक्ति को एक शपथ पत्र देना होगा। इस शपथ पत्र में यह प्रमाणित करना होगा कि वह केवल रिहायशी जरूरतों के लिए भूमि खरीद रहा है और इसका व्यावसायिक उपयोग नहीं करेगा।