केंद्र सरकार ने प्रोविडेंट फंड (पीएफ) निवेशकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है। खबरों के मुताबिक, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने EPFO Claim की ऑटो सेटलमेंट लिमिट को ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख करने का फैसला किया है। यह जानकारी न्यूज एजेंसी ANI ने 31 मार्च 2025 को दी। इस कदम से पीएफ निवेशकों को अपने खाते से ज्यादा पैसे निकालने में आसानी होगी।
श्रीनगर में हुई अहम बैठक
श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। यह फैसला श्रीनगर में 28 मार्च को हुई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की 113वीं बैठक में लिया गया। इस बैठक में EPFO के सेंट्रल प्रोविडेंट फंड कमिश्नर रमेश कृष्णमूर्ति भी मौजूद थे। हालांकि, इस प्रस्ताव को अभी CBT की अंतिम मंजूरी मिलना बाकी है। मंजूरी मिलने के बाद EPFO के सदस्य अपने पीएफ से ₹5 लाख तक का क्लेम कर सकेंगे।
ऑटो क्लेम सिस्टम में सुधार
EPFO ने अप्रैल 2020 में ऑटो क्लेम सेटलमेंट की शुरुआत की थी, तब क्लेम की लिमिट ₹50,000 थी। मई 2024 में इसे बढ़ाकर ₹1 लाख कर दिया गया। पहले यह सुविधा सिर्फ बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने के लिए थी, लेकिन अब शिक्षा, शादी और घर के लिए भी ऑटो-मोड सेटलमेंट शुरू हो गया है। इस सिस्टम से क्लेम की प्रक्रिया तेज हो गई है और अब यह 3 से 4 दिन में पूरा हो जाता है, जो पहले 10 दिन लेता था।
क्लेम रिजेक्शन में कमी
खबरों के मुताबिक, EPFO क्लेम रिजेक्शन की दर 50% से घटकर 30% हो गई है। अब ऑटो-क्लेम सिस्टम में आईटी टूल्स की मदद से बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के क्लेम प्रोसेस हो रहे हैं। इसके अलावा, पीएफ निकासी के लिए जरूरी औपचारिकताओं को भी कम किया गया है। पहले यह 27% थी, अब इसे 18% कर दिया गया है और इसे और घटाकर 6% करने का फैसला लिया गया है।
डेटाबेस को बेहतर बनाने की कोशिश
केंद्र सरकार EPFO के सदस्यों के डेटाबेस को सेंट्रलाइज करने पर काम कर रही है। इसके लिए सेंट्रलाइज्ड आईटी इनेबल्ड सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिन सदस्यों का KYC, पात्रता और बैंक वैलिडेशन पूरा है, उनके क्लेम अब ऑटोमैटिक प्रोसेस हो रहे हैं। इससे क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया तेज और आसान हो गई है।
EPFO Claim से निवेशकों को फायदा
EPFO Claim की लिमिट बढ़ने से 7.5 करोड़ से ज्यादा सदस्यों को फायदा होगा। यह कदम न सिर्फ पीएफ निकासी को आसान बनाएगा, बल्कि समय की भी बचत करेगा। सरकार का यह फैसला पीएफ निवेशकों के लिए एक बड़ी राहत है और इससे उनकी वित्तीय जरूरतें आसानी से पूरी हो सकेंगी।