दिल्ली चुनाव 2025 में नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता परवेश साहिब सिंह वर्मा ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को हरा दिया है। यह मुकाबला बेहद कड़ा रहा, जिसमें मतगणना के हर दौर में आगे और पीछे होने के आंकड़े बदलते रहे। टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक, परवेश वर्मा ने अंततः यह चुनाव जीत लिया है।
इस सीट से कांग्रेस के संदीप दीक्षित भी चुनाव मैदान में थे।
नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में मतगणना के अंतिम आंकड़े (चुनाव आयोग के अनुसार):
पार्टी | उम्मीदवार | वोट |
---|---|---|
आम आदमी पार्टी (AAP) | अरविंद केजरीवाल | 22,057 |
भारतीय जनता पार्टी (BJP) | परवेश वर्मा | 25,057 |
कांग्रेस | संदीप दीक्षित | 3,873 |
कौन हैं परवेश साहिब सिंह वर्मा?
परवेश साहिब सिंह वर्मा दिल्ली की एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। उनके चाचा आजाद सिंह भी राजनीति में सक्रिय रहे हैं और उत्तर दिल्ली नगर निगम (NDMC) के मेयर के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
परवेश वर्मा का जन्म 1977 में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस), आरके पुरम से पूरी की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने फॉर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए की पढ़ाई पूरी की।
परवेश वर्मा ने 2013 में राजनीति में कदम रखा और पहली बार महरोली विधानसभा सीट से विधायक बने। इसके बाद उन्होंने 2014 में पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद का चुनाव जीता और 2019 में एक बार फिर 5.78 लाख वोटों के बड़े अंतर से विजयी हुए।
अपने कार्यकाल के दौरान, परवेश वर्मा संसद में संयुक्त समिति (सांसदों के वेतन और भत्ते) और शहरी विकास स्थायी समिति के सदस्य के रूप में काम कर चुके हैं।
चुनाव प्रचार में क्या रहा प्रमुख मुद्दा?
2025 के दिल्ली चुनावों से पहले परवेश वर्मा ने “केजरीवाल हटाओ, देश बचाओ” अभियान शुरू किया। उन्होंने दिल्ली सरकार पर वादे पूरे न करने के आरोप लगाए। उनके प्रचार में मुख्य मुद्दे थे:
- महिला सुरक्षा
- प्रदूषण नियंत्रण में विफलता
- यमुना नदी की सफाई
परवेश वर्मा ने अपने प्रचार में कहा कि दिल्ली की मौजूदा सरकार ने प्रदूषण से निपटने और यमुना नदी को साफ करने जैसे प्रमुख वादों को अब तक पूरा नहीं किया है। उन्होंने इस दौरान प्रशासनिक खामियों को उजागर किया और जनता से समर्थन मांगा।